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मंगलवार, 11 सितंबर 2012
वियोग
है विरह या ये प्रलाप है
या झरती आसूं
–
माला है
शून्य समर्पित जिस वाणी को
ये वियोग रीति
–
हाल है
कभी सुनाई दें जो बाते
कभी है आप्लव व्याकुल आखें
शब्दों के ताने-बाने में
ये वियोग कि परिभाषा है
_____~
कौशल
~_______
2 टिप्पणियां:
anjana
12 सितंबर 2012 को 8:47 am बजे
बहुत सुंदर परिभाषा वियोग की
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Kaushal
30 सितंबर 2012 को 10:53 pm बजे
शुक्रिया अंजू दी..
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बहुत सुंदर परिभाषा वियोग की
जवाब देंहटाएंशुक्रिया अंजू दी..
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