मैकदों की बड़ी इनायत थी
मुझको बस एक यही आदत थी__
परस्तिश के लिए खुदा ढूंढा
दिल लगाने की आदनायत थी__
अब जो मिलना हुआ तो ऐसा हुआ
जेहन में याद तेरे अब तलक सलामत थी__
रकीब पूछता है,अब तो कुछ इनायत कर
चंद महीनो की बस महोलत थी__
जाके बैठूं बता किस महफ़िल में
"कौशल" सीने में कुछ बगावत थी ___
_________~कौशल ~_________________
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