ख्वाब में एक बात बाकी है
सहर होने में रात बाकी है
अब तबीयत से ही मिलो हमसे
कुछ तुम्हारा ही साथ बाकी है
इस कदर आज भूल जाएँ खलिश
कुछ जो कहनी थी बात बाकी है
ख़तम दोनों के फासले यूँ हुए
सहमा-सहमा चिराग बाकी है
अब जो दिल चाहता है "कौशल" यूँ
प्यार की कायनात बाकी है
_______________________: कौशल
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