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मेरा साया मुझसे खफा है शायद
जिंदा रहने की ये एक अदा है शायद
जब तबीयत से देखना चाहा
शाम घिर आई, फजा है शायद
सहमे-सहमे खड़े हैं राह तलक
ये भी एक तजरुबा हैं शायद
मैने साए से पूछना चाहा
चुप रहा,,ये ही सजा है शायद
_____~कौशल~_____________
सहमे-सहमे खड़े हैं राह तलक
जवाब देंहटाएंये भी एक तजरुबा हैं शायद
bahut sundar bhaav bhai