शुक्रवार, 30 मार्च 2012

नजर उसकी


उस गली से गुजरते ही में यार बदला 
कदम कुछ यूँ बहके मस्ल्मे-हाल  बदला __


देखते ही उसको अंजाम हुआ यूँ  
पड़ते ही नजर रंग -ए-रुक्सार बदला __


जब भी दिखाई दें वो मुक्तालिब मेरे 
अंदाज बदला ...... लफ्ज-ए-हाल बदला __


______________________________ :कौशल



शनिवार, 24 मार्च 2012

शहीद दिवस पर कुछ हायकू


मिट गए वो
वतन पे अपने
वीर जियाले __

भगत सिंह
संग थे सुखदेव
थे राजगुरु __

रंगे बसंती
रंग में सारे वीर
थे अभिमानी __

हँसके चूमा
फांसी की बेदी जो थी
शहीद हुए __

तेईस मार्च
काला दिन हो गया
इतिहास का _   :  कौशल

रविवार, 18 मार्च 2012

बदलते लोग














हर वक़्त ही ये लोग बदलते जाएँ
मरहमे साज पे कुछ सुर बिखरते जाएँ__
बंदगी जब से की है यार की बदनाम हो गए
अपने खुदा को पूजने बोलो कहा जाएँ __
कुछ ख्वाब ही दिखा दो युही जागते हुए
सोने का इंतज़ार अब पाले कहाँ जाएँ __
लोग हर वक़्त बदलने की हिमायत करते
मौसम नहीं हर रोज़ जो बदल जाएँ __
अब खुद को मनाने की फुर्सत कहाँ "कौशल "
बस रूठे हुए मेहमाँ को मनाये जाएँ__ :कौशल ०५-०३-२०१२