शुक्रवार, 5 सितंबर 2014

कैनवास के रंग

कुछ रंग
कैनवास पर फैले हुए
इन्तजार में हैं
अपने अस्तित्व के लिए 
अस्तित्व ...
कि उजाला बनेंगे या अँधेरा
सुबह की मखमली हँसी 
या शाम की सुरमई ख़ामोशी
सुन्दर स्वरुप गढ़ेंगे
या कोई वीभत्स रूप
कैनवास के वो रंग
अब भी निर्भर हैं
कलाकार की सोच पर ....

2 टिप्‍पणियां:

  1. सुन्दर प्रस्तुति !
    आज आपके ब्लॉग पर आकर काफी अच्छा लगा अप्पकी रचनाओ को पढ़कर , और एक अच्छे ब्लॉग फॉलो करने का अवसर मिला !


    Recent Post शब्दों की मुस्कराहट पर ….... बारिश की वह बूँद:)

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    1. आभार संजय जी .. _/\_ आप लोगो कि हौशला-अफजाई अच्छा लिखने को प्रेरित करती है .... पुन: आभार...

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