दिल में
जो आये वो
पैगाम लिखना
हमने सहर
लिखा.. तुम शाम
लिखना
कुछ इस
तरह से दिलों
के रंज भुला
मेरे हिस्से
कि धूप भी
अपने नाम लिखना
कलम जमाने
से रख के
रूबरू
महके जो
हर खिजां में
वो बाम लिखना
मन को
फैला के दुनियाँ
से बड़ा
कभी काबा
तो कभी चार-धाम
लिखना
कौशल इस
तरह अपनाना खुद
को
दिल कि
बात दिल से
बे-लगाम लिखना
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