जो याद नहीं वो बीत गया
जो याद है वो आने वाला
जो बिछड़ गया वो धोका था
जो साथ है वो आने वाला ||१||
जब रात घिरी तो तारो ने
मुझसे ये पूछा बात है क्या?
मेने दोहराया पानी में
कुछ ख्वाब है जो मिलने वाला ||२||
धरती से उठ के एक बादल
उचे अम्बर पे जा बैठ गया
कोई बोले अब इस पगले से
तू भी एक दिन रोने वाला ||३||
मजधार पे नया डौल रही
माझी न सही पतवार तो है
जब तक हाथो में जान ये है
कौशल तू न रुकने वाला ||४||
-(कौशल :18 oct-2011)
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