मंगलवार, 11 सितंबर 2012

वियोग



है विरह या ये प्रलाप है
या झरती आसूं माला है
शून्य समर्पित जिस वाणी को
ये वियोग रीति हाल है
कभी सुनाई दें जो बाते
कभी है आप्लव व्याकुल आखें
शब्दों के ताने-बाने में
ये वियोग कि परिभाषा है
_____~कौशल~_______

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