मंगलवार, 8 मई 2012

ग़ज़ल


========= : ग़ज़ल :============
चले  कहाँ से थे और कहाँ से हो आये
तलाश-ए-हक़* लिए हर गली गुजर आये

जहाँ  भी नजर उठाई तो तअस्सुब* पाया
हिदायतें* न मिली तो सलाम कर आये

वो एक मकतब-ए-फ़िक्र* नहीं थी मंजूर
जमीद* एक जगह रह के न बसर आये

वही ख्याल रहे हर पहर वो जानिब हो
दुवाओं में कभी खुद के भी वो असर आये

पयाम पढ़ तो लिया जिसने भी लिखा "कौशल"
हर एक लफ्ज़ में कुछ याद ,, कुछ नजर आये  
_________~कौशल~______________
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मकतब-ए-फ़िक्र = विचार-संप्रदाय, school of thought
तलाश-ए-हक़ = सत्य की खोज
जामिद (jaamid) = स्थिर
हिदायत = पथ-प्रदर्शन
तअस्सुब = पूर्वाग्रह, पक्षपात, प्रेजुडिस

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